देव संस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युंजय सभागार में 7th सितंबर परम वंदनिया माता भगवती देवी शर्मा जी एवं दिव्य अखंड दीप शताब्दी समारोह के उपलक्ष में ज्योति कलश यात्रा सम्मेलन (राजस्थान व पूर्वोत्तर प्रांत) का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के स्वरूप माननीय ओम बिरला जी, उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष डॉ विनय रुहेला जी, शांतिकुञ्ज के वरिष्ठ कार्यकर्ता डॉ. ओ पी शर्मा जी, देसंविवि के कुलपति पवन श्री शरद पारधी जी, एवं प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या जी उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पांड्या जी ने इस संगोष्ठी में पधारे समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा आने वाले समय में समाज की परिकल्पना से परिचित करवाया और उन्हें इस पावन अवसर का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए बधाई दी। कार्यक्रम को संबोधित करते श्री ओम बिरला जी ने कहा कि युग निर्माण का कार्य अखिल विश्व गायत्री परिवार का है और वो इसे पूरा करने में सक्षम हो रहे हैं।साथ ही उन्होंने बताया कि माता भगवती देवी शर्मा जी और पण्डित श्री राम शर्मा आचार्य जी के विचारों के माध्यम से लोग आध्यात्म धर्म और संस्कृति की ओर बढ़ सकते हैं और उनका जीवन परिवर्तित हो सकता है। विशिष्ट अतिथियों द्वारा शक्ति कलश का पूजन करने के पश्चात् विमोचन के क्रम में ज्योति कलश प्रज्ञागीतमाला, ज्योति कलश प्रज्ञागीत डाक्यूमेंट्री एवं बांग्ला गायत्री महाविज्ञान का विमोचन किया गया। अंतिम चरण में मुख्य अतिथि को देसंविवि का स्मृति चिन्ह भेंट दिया गया जिसके उपरांत गणेश आरती के पश्चात् शांतिपाठ के साथ किया इसका समापन किया गया।
कार्यक्रम के पश्चात् विशिष्ट अतिथियों ने विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण कर विवि में चल रही गतिविधियों को सराहा।
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